यहाँ कुछ संक्षिप्त कविता बच्चों के लिए प्रस्तुत है:
- स्वतंत्रता की उड़ान
तिरंगे की शान में,
हर दिल में अरमान है।
स्वतंत्रता की इस बगिया में,
हर फूल का सम्मान है।
वीरों के बलिदान को,
हम नहीं भूल सकते।
उनकी कुर्बानी से ही तो,
हम स्वतंत्रता में जी सकते।
आओ मिलकर कदम बढ़ाएँ,
देश को ऊँचाइयों तक ले जाएँ।
स्वतंत्रता की इस धारा में,
हर मन को खुशी से नहलाएँ।
जय हिंद!
- आज़ादी का अमृत
आज़ादी का पर्व है आया,
हर दिल ने है इसे मनाया।
वीरों के बलिदान की गाथा,
हर कोने में है छाया।
तिरंगा ऊँचा लहराए,
देशभक्ति का गीत सुनाए।
स्वतंत्रता का अमृत पीकर,
भारत प्रगति की ओर बढ़ जाए।
जय हिंद, जय भारत!
- स्वतंत्रता की किरण
स्वतंत्रता की किरण आई,
हर मन में खुशियाँ लाई।
वीरों की कुर्बानी से,
भारत माँ ने आज़ादी पाई।
लहराए तिरंगा ऊँचा,
गाए हम सब मिलकर।
स्वतंत्रता का ये उत्सव,
मनाएँ हम हँसते खिलकर।
जय हिंद!
- स्वतंत्रता का सपना
वीरों के सपनों का देश,
स्वतंत्रता का है सवेरा।
तिरंगे की शान में,
हर दिल में बसे बसेरा।
आजादी की इस बगिया में,
फूले हर फूल खुशहाली।
देशप्रेम की राह पर,
हम सब करें रखवाली।
जय हिंद!
- स्वतंत्रता का संदेश
धरती माँ की गोद में,
वीरों ने लिखा संदेश।
आजादी का सपना साकार हुआ,
खुशियों से भर गया परिवेश।
तिरंगा ऊँचा लहराए,
हर दिल में जोश जगाए।
स्वतंत्रता का पर्व मनाएँ,
हम सब मिलकर गाएँ।
जय भारत, जय हिंद!
यहाँ 15 अगस्त पर एक कविता प्रस्तुत है:
- पंद्रह अगस्त की सुबह
पंद्रह अगस्त की सुबह सुनहरी,
स्वतंत्रता की बजी है बधाई।
तिरंगा लहराया गगन में,
भारत माँ ने खुशियाँ पाई।
वीरों के बलिदान की गाथा,
हर दिल ने दोहराई।
देशभक्ति का जोश है चढ़ा,
आज़ादी की नई रजाई।
शहीदों की चिताओं में,
हमने देखा सपना।
उनकी कुर्बानी से ही तो,
स्वतंत्र हुआ अपना।
आओ मिलकर शपथ लें,
देश को आगे बढ़ाएँ।
एकता और अखंडता का,
संदेश हर दिल में जगाएँ।
हर घर में तिरंगा फहरे,
हर दिल में हो उमंग।
पंद्रह अगस्त की इस खुशी में,
हर देशवासी हो तरंग।
जय हिंद, जय भारत!